अभी कुछ दिनों पूर्व ही मैंने आपको बताया था कि आयुष मंत्रालय द्वारा सभी सरकारी दफ्तरों सहित हमारे दफ्तर में भी तीन दिनों का कैम्प लगाकर कोरोना संक्रमण से बचने हेतु निर्मित कोरोना प्रतिरोधक किट का विक्रय किया जाने वाला है और मैं भी दो खरीद कर ले आया हूँ | उस पोस्ट पर सबने इसके बारे में विस्तार से जानना चाहा था |
अंततः जब मैं कल दफ्तर से ये किट लेकर आया तो उसे खोल कर जब उसका सारा निरीक्षण परीक्षण किया तो अचानक ही चौंक पड़ा | हालांकि बातों बातों में ही दफ्तर में ही सबने इस बाबत आयुष मंत्रालय के कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर भी वही बात कही थी जो मुझे भी अनुभव हुई |
आपने बाबा रामदेव और कोरोना के निवारण के लिए बनाई उनकी दवाई (बाद में जिसे रोग प्रतिरोधक किट के रूप में बाजार में उतारा गया है ) के पूरे प्रकरण को देखा सुना ही होगा ,जिसमें आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल को रोग निवारण औषधि के रूप में मान्यता देने से इंकार करते हुए उस पर रोक लगा दी और फिर बाद में उसे स्वीकृति दी |
पहले देखिये की दफ्तर में लगे आयुष मंत्रालय के कैम्प से क्रय किया हुआ कोरोना प्रतिरोधक किट
कुल 350 /- रूपए की ये किट हूबहू वही है जो बाबा रामदेव के कोरोनिल किट में दिया जा रहा है | अब बात उस खुलासे की जिसकी बात मैं कर रहा था
आयुष मंत्रालय द्वारा विक्रय की जाने वाली इस किट को पहले ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली किट के रूप में मान्यता देकर उसे बाज़ार में उतारने का फैसला किया जा चुका था ऐसे में बाबा रामदेव ने इसे रोग निवारण औषधि के रूप में प्रस्तुत को खुद आयुष मंत्रालय को धर्म संकट में डाल दिया |
बाबा राम देव के साथ ही आयुष मंत्रालय भी इस किट को बाज़ार में लाने की तैयारी कर चुका था मगर बाबा ने पहले ही घोषणा करके आयुष मंत्रालय से रेस में आगे निकलने की तैयारी कर ली और ज़ाहिर है कि इससे आयुष मंत्रालय द्वारा बनाए या बनवाए गए इस किट को कोई भाव नहीं देता या शायद कम देता सो उसे थोड़े दिनों तक रोक कर इस किट को पहले क्रय विक्रय हेतु वितरण का समय मिल गया |
बहरहाल जो भी हो , तो हुआ ये कि इन सबमे आम व्यक्ति का दोहरा फायदा ही मिला एक तो आयुष मंत्रालय के साथ साथ बाबा राम देव का कोरोनिल आ जाने से आम जन को ये दोनों तरफ से सुलभता से प्राप्त हो सकेगा |
मूल्य भी दोनों का ही लगभग एक जैसा है तो ग्राहकों को इस दुविधा में पड़ने से भी बचाया गया है कि ये सस्ता है वो महँगा
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात ये की। ये किट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर कोरोना संक्रमण से यथासम्भव बचाव के मात्र उद्देश्य के लिए निर्मित है और उसी तरह उपयोग किया जाएगा / किया जाना चाहिए |
[अजय कुमार झा की फेसबुक पोस्ट से साभार ]
अंततः जब मैं कल दफ्तर से ये किट लेकर आया तो उसे खोल कर जब उसका सारा निरीक्षण परीक्षण किया तो अचानक ही चौंक पड़ा | हालांकि बातों बातों में ही दफ्तर में ही सबने इस बाबत आयुष मंत्रालय के कर्मचारियों से बातचीत के आधार पर भी वही बात कही थी जो मुझे भी अनुभव हुई |
आपने बाबा रामदेव और कोरोना के निवारण के लिए बनाई उनकी दवाई (बाद में जिसे रोग प्रतिरोधक किट के रूप में बाजार में उतारा गया है ) के पूरे प्रकरण को देखा सुना ही होगा ,जिसमें आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल को रोग निवारण औषधि के रूप में मान्यता देने से इंकार करते हुए उस पर रोक लगा दी और फिर बाद में उसे स्वीकृति दी |
पहले देखिये की दफ्तर में लगे आयुष मंत्रालय के कैम्प से क्रय किया हुआ कोरोना प्रतिरोधक किट
कुल 350 /- रूपए की ये किट हूबहू वही है जो बाबा रामदेव के कोरोनिल किट में दिया जा रहा है | अब बात उस खुलासे की जिसकी बात मैं कर रहा था
आयुष मंत्रालय द्वारा विक्रय की जाने वाली इस किट को पहले ही प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाली किट के रूप में मान्यता देकर उसे बाज़ार में उतारने का फैसला किया जा चुका था ऐसे में बाबा रामदेव ने इसे रोग निवारण औषधि के रूप में प्रस्तुत को खुद आयुष मंत्रालय को धर्म संकट में डाल दिया |
बाबा राम देव के साथ ही आयुष मंत्रालय भी इस किट को बाज़ार में लाने की तैयारी कर चुका था मगर बाबा ने पहले ही घोषणा करके आयुष मंत्रालय से रेस में आगे निकलने की तैयारी कर ली और ज़ाहिर है कि इससे आयुष मंत्रालय द्वारा बनाए या बनवाए गए इस किट को कोई भाव नहीं देता या शायद कम देता सो उसे थोड़े दिनों तक रोक कर इस किट को पहले क्रय विक्रय हेतु वितरण का समय मिल गया |
बहरहाल जो भी हो , तो हुआ ये कि इन सबमे आम व्यक्ति का दोहरा फायदा ही मिला एक तो आयुष मंत्रालय के साथ साथ बाबा राम देव का कोरोनिल आ जाने से आम जन को ये दोनों तरफ से सुलभता से प्राप्त हो सकेगा |
मूल्य भी दोनों का ही लगभग एक जैसा है तो ग्राहकों को इस दुविधा में पड़ने से भी बचाया गया है कि ये सस्ता है वो महँगा
तीसरी और सबसे महत्वपूर्ण बात ये की। ये किट शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा कर कोरोना संक्रमण से यथासम्भव बचाव के मात्र उद्देश्य के लिए निर्मित है और उसी तरह उपयोग किया जाएगा / किया जाना चाहिए |
[अजय कुमार झा की फेसबुक पोस्ट से साभार ]