Sunday, February 13, 2011

जुबान संभाल के...

.किसी ने सच ही कहा है कि हर किसी को अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए वरना अनर्थ हो सकता है !सबसे ताज़ा उदाहरण  हमारे विदेश मंत्री कृष्ण जी का है !सयुंक्त राष्ट्र में ऐसी जुबान फिसली कि पुर्तगाल वाले  मंत्री जी का भाषण ही पढ़ गए ,ये तो भगवान भला करे उन अधिकारी का जो समय रहते उनको चेता गए!
                                                                                  अभी कुछ दिनों पहले ही राजस्थान सरकार के एक मंत्री जी बोल गए थे कि इंदिरा जी का खाना पकाते पकाते प्रतिभा जी राष्ट्रपति बन गयी !जब मुख्यमंत्री जी ने इस्तीफा माँगा तब जाके जुबान की कारस्तानी पर गुस्सा आया !यहाँ के शिक्षा मंत्री भी अक्सर जुबान से फिसल जाते है !एक बार कह दिया किया गाँवों में नर्सों की छोटी अब आपके हाथों में है ,पकड़ के रखो !अब कह दिया कि भोंकने वाले भोंकते रहते है ...हाथी चलता रहता है....!दरअसल एक शिक्षक संगठन ने शिक्षा मंत्री जी गलती कि और इशारा कर दिया था ,बस ये मंत्री जी को नागवार गुजरा....!इन्ही मंत्री जी ने पहले भी एक बार शिक्षकों पर आपतिजनक टिप्पणी कि थी जिस पर उन्हें माफ़ी भी मंगनी पड़ी थी !पर जबान है कि फिसल ही जाती है...

                                              ऐसे ही कई बार नितिन गडकरी तो कई बार बाला साहेब कि जुबान ने भी फिसल कर आग लगाई है ,पर वेक बेचारा आम आदमी है जो सब सुनने का आदि है क्यूंकि ये जो पब्लिक  है ,वो सब जानती है.....

Thursday, February 3, 2011

भागो....कि जनता आती है....

.अरब देशों में फैला आन्दोलन लम्बे समय से जनता कि उपेक्षा करने का परिणाम है !ट्यूनीशिया, मिश्र और अन्य देशों में पिछले काफी समय से एक ही सरकार चलती आ रही थी ,और वो भी जनता को सुशासन नही दे पायी !नेता खुद ऐश करते रहे और जनता पिसती चली गयी ..और हालात यहाँ तक बिगड़ गए कि रोजगार ना मिलने पर युवा आत्मदाह करने लगे !बस यहीं से सरकार विरोधी आग भाद्क्नी शरू हुई जो अब बेकाबू हो चुकी है ...
इस पूरे प्रकरण में चिंता कि बात ये है कि लगभग ऐसे ही हालात भारत सहित बहुत से पडोसी देशों में है और अगर ये आग अन्य जगहों पर भी फैली तो इससे बचना मुश्किल हो जायेगा !हमारे देश में देखिये कितने ही मामले ऐसे है जिसमे दोषी करार दिए जाने पर भी नेताओं को सजा नही मिली ,पर जनता सब देख रही है !अगर ये आक्रोश वोटों तक ही सिमित रहा तो ठीक ..पर यदि जनता जाग गयी तो समझो यहाँ भी हालात बिगड़ते समय नही लगेगा !आज जरूरत इस बात कि है कि हमारी न्यायिक प्रणाली को सुधार कर सरकार कि जिम्मेवारी तय की जाये और सरकार जनता के प्रति जवाबदेह हो ...!