Sunday, March 22, 2009
पैसे के लिए कुछ भी करेगा...??
क्या हमारा क्रिकेट बोर्ड देश से भी ऊपर हो गया है? शायद हाँ...तभी तो वो आई पी एल को देश से बहार आयोजित करवाने पर .राजी..है..!उसके लिए देश के लोगों का कोई महत्त्व नहीं है...!दर्शक मैच देखना चाहे तो विदेश जाएँ या फ़िर टी वी पर देखें...!बोर्ड के पास इतना पैसा है की ..उसे दर्शकों से होने वाली आमदनी की कोई जरुरत नहीं है....!.इस...से ये सिद्ध हो गया है की ये सब पैसे का खेल है..और यदि सरकार बोर्ड को ना करेगी तो बोर्ड कुछ भी कर सकता है...!अब iस का नाम भले ही .इंडियन .प्रीमियर..लीग हो ये होगा इंडिया से .बाहर...!अब बेचारे नेता तो चाहते थे की ये चुनाव बाद हो क्यूंकि लोग उनका भाषण सुनने नहीं आयेंगे,रैलियों में नहीं आयेंगे...!लेकिन हो गया उल्टा....!अब .चुनाव..भी होंगे और आई पी एल भी होगा..!सरकार और बोर्ड की लड़ाई में देश जाए .पानी में...!पैसे के लिए हम तो कुछ भी करेगा...
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4 comments:
jee mujhe to lagata hai ki chunaaw ke saath bhi ipl karaya jaa sakata hai ... kabtak ham apane plaannings ko terrorism ki wajah se talte rahege... galat sandesh jaayega word cup hone wala hai ... common ..games hone hai ... khana pina bhi chod de kya un aat taaion ke dar se ... chup nahi baithege ... ladege saamne aaker... yahi sabse bada jabaab hai .....
Kya khub likha apne...kalai hi khol kar rakh di !!
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गणेश शंकर ‘विद्यार्थी‘ की पुण्य तिथि पर मेरा आलेख ''शब्द सृजन की ओर'' पर पढें - गणेश शंकर ‘विद्यार्थी’ का अद्भुत ‘प्रताप’ , और अपनी राय से अवगत कराएँ !!
IPL is now just a big Business......
not a sports.....
सही लिखा है आपने,........
देश की चिंता किसी को नहीं, नेता हों या पैसे वाले बोर्ड .......
अपनी कमाई होनी चाहिए बस
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