आख़िरकार धूम धड़ाके के साथ आई पी एल का समापन हो ही गया!लेकिन कौन जीतेगा इससे ज्यादा इंतजार इस बात का था कि ललित मोदी का क्या होगा? आई पी एल से किसने क्या खोया क्या पाया? सट्टेबाजों ने अपनी जेबें गर्म की,नेताओं ने अपने रिश्ते गर्म किये,फ्रेंचाईज़ ने अपनी कमाई डबल कर ली...खिलाडियों ने चोटें खाई..और सबसे बड़ी बात जनता ने धोखा खाया!!!जनता को तो अभी तक पता ही नही की जो मेच देखे वो सच में हुए या फिक्स थे!"बी सी सी आई " को पहली बार बहुत सी नयी बातें पता चली!और थरूर साहब का तो मंत्री पद ही चला गया!पर निराश ना होइए असली खेल तो अभी शुरू हुआ है!हर रोज़ आपको एक नया राज़ जानने को मिलेगा...!
ललित मोदी तीन साल तक अपनी मनमानी करते रहे,उन्हें किसी ने टोकने या रोकने की हिमाक़त नहीं की!और अब ऐसा क्या हो गया क़ि उन्हें निलंबित करने के लिए सुबह होने वाली गोवार्निंग काउन्सिल की बैठक तक का इंतजार नही किया गया!शायद इस जल्दबाजी के पीछे भी कुछ नेता ही है,जिनको अपनी पोल खुलने का डर सता रहा है!ललित मोदी कुछ पोल खोलते इससे पहले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया!तो पहले क्या सारे सो रहे थे?बी सी सी आई की छोडिये क्या इनकम टेक्स वालों को कभी कुछ गलत नहीं लगा?करोड़ों रुपैये बरस रहे थे और उन्हें भनक तक नहीं लगी?और अब एकदम से सब कुछ जांचा परखा जा रहा है?दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है?इसका फैसला तो हो ही जायेगा!पर इससे ये जरूर पता चलता है कि क्यूँ ये नेता क्रिकेट संघों के अध्यक्ष बनने हेतु लालायित रहते है ,चाहे क्रिकेट की इन्हें ऍ बी सी ड़ी ना आती हो??