Tuesday, April 27, 2010

आखिर क्या परिणाम रहा आई पी एल का ??


आख़िरकार धूम धड़ाके के  साथ आई पी एल का समापन हो ही गया!लेकिन कौन जीतेगा इससे ज्यादा इंतजार इस बात का था कि ललित मोदी का क्या होगा? आई पी एल से किसने क्या खोया क्या पाया? सट्टेबाजों ने अपनी जेबें गर्म की,नेताओं ने अपने रिश्ते गर्म किये,फ्रेंचाईज़  ने अपनी कमाई डबल कर ली...खिलाडियों ने चोटें खाई..और सबसे बड़ी बात जनता ने धोखा खाया!!!जनता को तो अभी तक पता ही नही की जो मेच देखे वो सच में हुए या फिक्स थे!"बी सी सी आई " को पहली बार बहुत सी नयी बातें पता चली!और थरूर साहब का तो मंत्री पद ही चला गया!पर निराश ना होइए असली खेल तो अभी शुरू हुआ है!हर रोज़ आपको एक नया राज़ जानने को मिलेगा...!
ललित मोदी तीन साल तक अपनी मनमानी करते रहे,उन्हें किसी ने टोकने या रोकने की हिमाक़त नहीं की!और अब ऐसा क्या हो गया क़ि उन्हें निलंबित करने के लिए सुबह होने वाली गोवार्निंग काउन्सिल की बैठक तक का इंतजार नही किया गया!शायद इस जल्दबाजी के पीछे भी कुछ नेता ही है,जिनको अपनी पोल खुलने का डर सता रहा है!ललित मोदी कुछ पोल खोलते इससे पहले ही उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया गया!तो पहले क्या सारे सो रहे थे?बी सी सी आई की छोडिये क्या इनकम टेक्स वालों को कभी कुछ गलत नहीं लगा?करोड़ों रुपैये बरस रहे थे और उन्हें भनक तक नहीं लगी?और अब एकदम से सब कुछ जांचा  परखा जा रहा है?दाल में कुछ काला है या पूरी दाल ही काली है?इसका फैसला तो हो ही जायेगा!पर इससे ये जरूर पता चलता है कि क्यूँ ये नेता क्रिकेट संघों के अध्यक्ष बनने हेतु लालायित रहते है ,चाहे क्रिकेट की इन्हें ऍ बी सी ड़ी ना आती हो?? 

Friday, April 16, 2010

आखिर 'आई पी एल 'का सच सामने आया...

पिछले तीन सालों से आई पी एल का सफल आयोजन हो रहा है और इतने कम समय में इस लीग ने अच्छी लोकप्रियता भी हासिल कर ली है!पूरे देश में ही नहीं विश्व भर में इसका जादू सर चढ़ कर बोल रहा है!क्रिकेट का ये रंगीन और हसीन संस्करण लोगों को खूब लुभा रहा है!
पर जिस तरह नकली गहनों क़ी चमक कुछ समय बाद उतरने लगती है ,उसी तरह अब आई पी एल के पीछे का भी सच सामने आने लगा है!कोच्ची टीम को लेकर थरूर और ललित मोदी क़ी जंग से कुछ छुपे राज़ सामने आ गए है!टीमों के मालिकाना हक को लेकर कुछ नए तथ्य सामने आ रहे है!अभी तक फ़िल्मी सितारों को ही टीम के मालिक मन जा रहा था..लेकिन अब जाके पता चला है क़ी वो तो एक चेहरा भर थे!असली मालिक कोई और ही है और पैसा किसी और का लगा है!अब तो ये भी जांच हो रही है क़ी कहीं ये काला धन तो नहीं? कहीं काले धन को आई पी एल क़ी आड़ में सफ़ेद में तो नहीं बदला जा रहा?
वैसे यदि आप टीमों के मालिकाना हक को देखें तो कुछ बातें पहली नज़र में ही संदेहास्पद लगती है!ललित मोदी ने जान बूझ कर असली मालिकों को  कभी सामने नहीं आने दिया!किस टीम में किसका पैसा लगा है,कौन शेयर धारक है ?ये एक राज़ ही रहता ...अगर कोच्ची विवाद नहीं होता..!
और अब एक नया विवाद...
चीयर लीडर्स ,शराब और फूहड़पन के बाद अब फिक्सिंग का साया भी आई पी एल पर पड़ता दिख रहा है!हालांकि ये बात खुल कर सामने नहीं आई है पर दाल में कुछ काला जरूर है!कई टीमों का प्रदर्शन शक पैदा करता है!अब देखने वाली बात ये है कि क्या ललित मोदी आई पी एल को इन मुसीबतों से निकाल पाएंगे?