Tuesday, December 15, 2015

फ़िल्म दिलवाले की पाइरेटेड CD लीक

फ़िल्म दिलवाले की पाइरेटेड CD लीक हो चुकी है
फ़िल्म का कॉन्सेप्ट यही है कि बाल बच्चेदार विधवाओं को भी शादी कर लेनी चाहिए । फ़िल्म की कहानी कुछ यूँ है।
शाहरुख़ और काजोल जवानी में प्रेम करते थे। शाहरुख़ के माँ बाप की मौत हो जाती है और शाहरुख़ के ऊपर अपने छोटे भाई का लालन पालन का बोझ आ जाता है। और शाहरुख़ खान गलत धंधे में उतर जाता है।
जिससे नाराज हो कर काजोल किसी और से शादी कर घर बसा लेती है।
15 साल बाद काजोल के पति की मौत हो जाती है। जिससे काजोल गरीब हो जाती है। उसके बेटे बेटी की परवरिश भी मुश्किल होने लगती है। ऐसे में दुखी काजोल पैसे की तंगहाली के कारण शाहरुख़ से मदद मांगने जाती है। शाहरुख़ उसे अपने यहाँ नौकरी पर रख लेता है। काजोल अपने बच्चों से शाहरुख़ के साथ जवानी के दिन की बात छिपा लेती है। शाहरुख़ भी अपने छोटे भाई वरुण धवन से खुद और काजोल के बीच की प्रेम कहानी छिपा कर रखता है। लेकिन धीरे धीरे वरुण को शाहरुख़ और काजोल की प्रेम कहानी का पता चल जाता है। क्यों कि कई बार लोग देखते हैं कि शाहरुख़ और काजोल एक दूसरे के बारे में कितना अधिक जानते हैं।फिर राज खुलने पर वरुण और काजोल के बाल बच्चों की जिद के कारण शाहरुख़ और काजोल शादी कर लेते हैं।

Tuesday, August 25, 2015

डेंगू का आयुर्वेदिक इलाज़....

डेंगू  का  उपचार :
१/. यदि आपके आस-पास किसी को यह रोग हुआ हो और खून में प्लेटलेट की संख्या कम होती जा रही हो तो सर्वप्रथम निम्नलिखित चार चीज़ें रोगी को दें :
अ) अनार का रस
ब) गेहूँ के जवारे का रस
स) पपीते के पत्तों का रस
द) गिलोय/अमृता/अमरबेल सत्व
-अनार जूस तथा गेहूँ के जवारे रस नया खून बनाने के लिए तथा रोगी की रोग से लड़ने की शक्ति प्रदान करने के लिए होता हैl अनार जूस आसानी से उपलब्ध हो ही जाता हैl लेकिन यदि गेहूँ के जवारे का रस ना मिले तो सेबफल का रस भी दिया जा सकता हैl
- पपीते के पत्तों का रस सबसे महत्वपूर्ण है, पपीते का पेड़ आसानी से मिल जाता है उसकी ताज़ी पत्तियों का रस निकालकर करीब 200-250 मि.ली. मात्रा प्रति बार के हिसाब से मरीज़ को दिन में 2 से 3 बार दें, एक दिन की खुराक के बाद ही प्लेटलेट की संख्या बढ़ने लगेगीl
- गिलोय की बेल का सत्व मरीज़ को दिन में 2-3 बार दें, इससे खून में प्लेटलेट की संख्या बढ़ती है, रोग से लड़ने की शक्ति बढती है, शरीर का ताप तेजी से सामान्य होता है तथा कई रोगों का नाश होता हैl यदि गिलोय की बेल आपको ना मिले तो किसी भी नजदीकी पतंजली चिकित्सालय में जाकर "गिलोय घनवटी" ले आएँ जिसकी एक-एक गोली रोगी को दिन में 3 बार देंl
-यदि बुखार 1 दिन से ज्यादा रहे तो खून की जाँच अवश्य करवा लेंl
-यदि रोगी बार बार उल्टी करे तो सेब के रस में थोडा नीम्बू मिलाकर रोगी को दें, उल्टियाँ बँद हो जाएँगीl
-यदि रोगी को अँग्रेजी दवाईयाँ दी जा रही हैं तब भी ये चीज़ें रोगी को बिना किसी डर के दी जा सकती हैंl
-डेंगू जितना जल्दी पकड़ में आए उतना जल्दी उपचार आसान हो जाता है और रोग जल्दी ख़त्म होता हैl
२/. सर्पगंधा के कन्द (फल) का चूर्ण, कालीमिर्च, डिकामाली घोड़बच और चिरायता के चूर्ण को एक साथ अच्छी तरह पीस मिलाकर बनी मिश्रित औषधि में से 1 से 2 ग्राम मात्रा को सुबह-शाम लेने से डेंगू के बुखार में लाभ मिलता है।
३/. ईश्वर मूल (रूद्रजटा) के चूर्ण की लगभग आधा ग्राम से 2 ग्राम की मात्रा, सुबह-शाम सेवन करने से डेंगू ज्वर दूर हो जाता है।
४/. डेंगू बुखार तेज होने पर रोगी के माथे पर ठंड़े पानी की पट्टियाँ रखी जा सकती हैं। हीमोरैजिक डेंगू होने पर ध्यान देने वाली बात यह है कि रोगी को किसी भी प्रकार की दर्द दूर करने वाली एलोपैथिक दवा नहीं देनी चाहिए कारण यह कि इन दर्द निवारक दवाओं से रोगी में खून के बहने का डर बना रहता है। इस दौरान शरीर में पानी की मात्रा और रक्तचाप को नियंत्रित करना भी जरूरी होता है।
५/. 3 ग्राम अंकोल की जड़ के चूर्ण को 2 ग्राम मीठी बच या सौंठ के चूर्ण के साथ चावल के माण्ड में पकाकर सेवन करने से डेंगू के बुखार में तात्कालिक लाभ हो जाता है। यह फ्लू में भी लाभकारी है। साथ ही साथ लगभग एक ग्राम से कम मात्रा में अंकोल की जड़ की छाल को घोड़बच या सौंठ के साथ चावल के माण्ड में उबालकर रोजाना नियमित रूप से सेवन करने से डेंगू ज्वर में लाभ मिलता है। इसके पत्तों को पीसकर जरा-सा गर्म करके दर्द वाले अंग पर बाँधने से भी लाभ होता है।
६/. 5 से 10 बूँद चंदन के तेल को बताशे पर डालकर सुबह-शाम दो बार सेवन करने के बाद ऊपर से पानी पीने से बुखार कम हो जाता है।
७/. लगभग एक ग्राम से कम की मात्रा में यवाक्षार को नीम के पत्ते के रस या नीम के काढ़े के साथ सुबह-शाम लेने से पसीना वाला बुखार कम होता जाता है और साथ ही साथ शरीर का दर्द भी मिटता जाता है।
8/. कर्पूरासव की 5 से 10 बूँद, बताशे पर डालकर सुबह-शाम लेने से खून की नसें फैलती हैं, पसीना आकर बुखार, दाह (जलन) और बेचैनी कम होते जाते हैं।

Friday, July 24, 2015

बाहर निकला हुआ पेट अंदर करने के कुछ आसान घरेलू तरीके


मोटापा घटाने के लिए खान-पान में सुधार जरूरी है। कुछ प्राकृतिक चीजें ऐसी हैं, जिनके सेवन से वजन नियंत्रित रहता है। इसलिए यदि आप वजन कम करने के लिए बहुत मेहनत नहीं कर पाते हैं तो अपनाएं यहां बताए गए छोटे-छोटे उपाय। ये आपके बढ़ते वजन को कम कर देंगे।
1.
ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाली वस्तुओं से परहेज करें। शक्कर, आलू और चावल में अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है। ये चर्बी बढ़ाते हैं।
2.
केवल गेहूं के आटे की रोटी की बजाए गेहूं, सोयाबीन और चने के मिश्रित आटे की रोटी ज्यादा फायदेमंद है।
3.
रोज पत्तागोभी का जूस पिएं। पत्तागोभी में चर्बी घटाने के गुण होते हैं। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म सही रहता है।
4.
पपीता नियमित रूप से खाएं। यह हर सीजन में मिल जाता है। लंबे समय तक पपीता के सेवन से कमर की अतिरिक्त चर्बी कम हो जाती है।
5.
दही का सेवन करने से शरीर की फालतू चर्बी घट जाती है। छाछ का भी सेवन दिन में दो-तीन बार करें।
6.
छोटी पीपल का बारीक चूर्ण पीसकर उसे कपड़े से छान लें। यह चूर्ण तीन ग्राम रोजाना सुबह के समय छाछ के साथ लेने से बाहर निकला हुआ पेट अंदर हो जाता है।
7.
आंवले हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बना लें। इस चूर्ण को छाछ के साथ लेंं। कमर एकदम पतली हो जाएगी।
8.
मोटापा कम नहीं हो रहा हो तो खाने में कटी हुई हरी मिर्च या काली मिर्च को शामिल करके बढ़ते वजन पर काबू पाया जा सकता है। एक रिसर्च में पाया गया कि वजन कम करने का सबसे बेहतरीन तरीका मिर्च खाना है। मिर्च में पाए जाने वाले तत्व कैप्साइसिन से भूख कम होती है। इससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ जाती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है।
9.
एक चम्मच पुदीना रस को 2 चम्मच शहद में मिलाकर लेते रहने से मोटापा कम होता है।
10.
सब्जियों और फलों में कैलोरी कम होती है, इसलिए इनका सेवन अधिक मात्रा में करें। केला और चीकू खाएं। इनसे मोटापा बढ़ता है। पुदीने की चाय बनाकर पीने से मोटापा कम होता है।
11.
खाने के साथ टमाटर और प्याज का सलाद काली मिर्च नमक डालकर खाएं। इनसे शरीर को विटामिन सी, विटामिन , विटामिन के, आयरन, पोटैशियम, लाइकोपीन और ल्यूटिन मिलेेगा। इन्हें खाने के बाद खाने से पेट जल्दी भर जाएगा और वजन नियंत्रित हो जाएगा।
12.
सुबह उठते ही 250 ग्राम टमाटर का रस 2-3 महीने तक पीने से पेट अंदर हो जाता है।

13. लगभग 3 भुनी हर्ड का चूर्ण रोज रात को लें !