Saturday, December 22, 2012

फिर से ऐसा कुछ ना हो .....

दिल्ली में एक लड़की से गेंग रेप किया गया ,इस घटना से पूरा देश गुस्से में है ,मैं भी हूँ ,आप भी है .....पर कोई भी इसके कारणों पर चर्चा नही कर रहा !आखिर क्यूँ हमारे देश में देर रात तक सड़कों किनारे लोग अवैध रूप से शराब पीते  रहते है ?मुख्या हाइवे के किनारों पर बसे ढाबों में किसके इशारे पर शराब परोसी जाती है ? निजी गाड़ियों में बैठ कर शराब पीते और हंगामा करते युवाओं को क्यूँ नज़र अंदाज़ कर दिया जाता है ? आखिर पुलिस क्यूँ किसी बड़ी घटना के होने का इंतज़ार करती है ? ये जो कुछ हुआ वो बहुत गलत था ...पर इस घटना के कारणों की अनदेखी करना और भी दुखद है ?
                                                                                  दूसरी महत्वपूरण बात ...इस घटना से अनजान बनने  की है ...कुछ बड़े नेता जो विश्व में होने वाली हर एक घटना पर बोलने में मुखर है ....वे अभी खामोश क्यूँ है ? सब को इसके खिलाफ खुल कर बोलना चाहिए ताकि फिर से ऐसी घटना न हो।।।।।।हमें कोशिश करनी होगी की हम हमारी सड़कों ,बस अड्डों और मुख्या सड़कों को इस तरह की घटनाओं से बचा सके।।।
जब इस तरह की कोई घटना हो तो हमारा पहला कदम इनकी पुनरावर्ती रोकना होना चाहिए।।।।इसके लिए हमें एक ऐसा वातावरण निर्माण करना होगा जहाँ हर कोई सुरक्षित महसूस करे।।।।

Sunday, August 12, 2012

कहाँ है युवा ???


आज के युवा ही कल देश का भविष्य तय करेंगे !पर क्या वे इसके लिए तैयार है ? आज युवा हर  क्षेत्र में विकास कर रहे है !पढाई में वे अव्वल है ,बड़ी बड़ी कम्पनियों में उन्हें काम मिल रहा है ! कुछ युवा निजी व्यवसाय करके भी नाम कर रहे है ....
लेकिन एक हकीकत और है जिनसे हम अनजान है...वो है इनका तौर तरीका और रहन सहन....!ये तेजी से पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते जा रहे है और भारतीय नैतिक मूल्यों को भूलते जा रहे है !एक अध्यापक होने के नाते मैंने इन्हें नजदीक से जाना है ! आज होलिवुड के सितारे इनके आदर्श है ,बुरे पात्र इन्हें आकर्षित करते है ...इसलिए ये भी अपना उपनाम डौन  ,किंग ,प्रिंस ,बेड मैन  आदि रखते है ! आज पूरा देश युवाओं से आशा करता है की वे देश की  दिशा और दशा को बदल पाएंगे !देश में एक नई उर्जा का संचार युवा ही कर सकते है ,परन्तु युवा अपनी शक्ति और उर्जा का उपयोग गलत कार्यों में कर रहे है ! तोड़फोड़ ,हिंसा और हड़ताल जैसे कृत्यों से युवा जहाँ बदनाम हो रहे है वहीँ अपने भविष्य को भी खराब कर रहे है !उनका आगे का जीवन कैसा होगा ,उसकी नींव अभी से पड़ेगी !इसलिए हर कदम पर सावधानी जरूरी है !
युवाओं को चाहिए की वे नशे से दूर रह कर खेलों को अपनाये !राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्त्व पूर्ण भूमिका है ,जिसे उन्हें समझना चाहिए...

Sunday, July 22, 2012

हम सब एक है.........

पिछले कई दिनों से देख रहा हूँ...फेसबुक पर कई तरह से आपत्ति  जनक सामग्री परोसी जा रही है !कहीं नेताओं को पशुओं की तरह तो कभी धार्मिक उन्माद बढ़ाने वाले चित्र दिए जा रहे है ! क्या भावना प्रकट करने का ये सही तरीका है ? क्या हमारी ज़िन्दगी में ये सब ही रह गया है ? और हमे कोई समस्या नही है ? ये नेता लोग हुए है किसी के ? आज इस पार्टी में तो कल उस पार्टी में ...क्यूँ ध्यान दे इनकी बातों पर ? और धार्मिक उन्माद  फ़ैलाने से क्या होगा ?जिन माँ बापके संतान नही होती ,वे हर जगह शीश  झुकाते है ...वे ये नही देखते की वो मंदिर है या मस्जिद ,या फिर गुरद्वारा ,,उन्हें सब जगह एक ही इश्वर नज़र आता है ! हम यात्रा करते समय नही पूछते की चाय वाला कौन है ? फिर हम क्यूँ इन नेताओं के कारण छोटी छोटी बातों पर उत्तेजित हो जाते है ?स्कूल में छोटे बच्चों को देखिये  ..सब मिल के रहते है ...फिर बड़े होने पर क्यूँ दुश्मन बन जाते है...!कुछ लोग होते है गलत ,मगर क्या उनके लिए हम सारा सोहार्द बिगाड ले ?क्यूँ ?हम क्यों किसी भी धर्म की निंदा करें ? सब अपने अपने धर्म का पालन करे...और दूसरों को भी करने दे ....अपनी भावनाओं और ज़ज्बातो को काबू में रखे ! देश में फैली कुरीतियों पर चर्चा कीजिये ! अशिक्षा , टूटी सड़कों ,पानी की कमी ,भ्रष्टाचार ,बढती जनसँख्या और बढ़ते अपराधों पर चर्चा कीजिये...देश के विकास की बात कीजिये.....! आज व्यक्ति अन्तरिक्ष से आगे जा रहा है और हम है कि.....अभी भी इन सब में उलझे है !
                                                                                                                कुछ समय पहले मैं एक पुस्तक पढ़ रहा था जिसमे ऐसे कितने ही उदहारण भरे पड़े है जब एक समुदाय ने दुसरे समुदाय के परिवार की जान पर खेल कर रक्षा की।..ऐसे कितने ही लोग है जो रामदेवरा [जैसलमेर] में रामदेव जी के मंदिर में हर साल जुटते है ,यहाँ किसी का कोई धर्म नही है ,सब एक ही रंग में रंगे है !मैं खुद अजमेर में दरगाह शरीफ गयाथा ,मुझे किसी ने मेरा धर्म नही पूछा .....!  उन्मादी नेताओं ने कुछ रेखाएं खिंची है पर वो अक्सर टूट जाती है ,मिट जाती है।....      ....

Friday, June 29, 2012

पाकिस्तान पर फिर विश्वास क्यों ???

पाकिस्तान  ने सरबजीत मामले में जो कुछ भी किया वो नया नही है ...ये तो उसकी फितरत ही है...!सरबजीत से सुरजीत अपने आप नही हो गया ,बल्कि ये सोच समझ के किया गया ...!पाकिस्तान जान बूझ  कर सब करता है !देखिये जब भारत ने पृथ्वी  मिसाइल बनाई तो ये जमीन से जमीन पर मार करने वाली थी सो इसे नाम दिया -पृथ्वी !लेकिन  पाकिस्तान ने छोटे दिमाग से सोचते हुए इसका जवाब तैयार किया - गौरी !यानि उसने इसे पृथ्वी राज चौहान और मोहमद गौरी से जोड़ दिया ! भारत ने बाद में बनाई -अग्नि [हवा में मार करने वाली ],सागरिका [जल से हवा में ] और ब्रह्मोस आदि ! लेकिन पाकिस्तान का जवाब क्या था देखिये...गजनवी ,बाबर ,गौरी आदि...! लेकिन पाकिस्तान इन्हें बनाते समय ये भूल गया की युद्ध हथियारों से नही बल्कि हौंसलों से जीते जाते है....१९७१ में अमेरिकी हथियार भी उसे हार से नही बचा सके..
                                                                    भारत सरकार हर बार पाकिस्तान से ढंग से पेश आती है ,लेकिन इनके तो लहू में ही गद्दारी ,धोखा है ,अटल बिहारी वाजपेयी ने दिल से कोशिश की थी  की शायद कश्मीर समस्या हल हो जाये !उल्टा हुआ क्या ...नवाज़ ने पीठ में छुरा घोम्पते हुए हम पर कारगिल युद्ध थोप दिया ? फिर हम क्यूँ बार बार उसका विश्वास करें ?भारत में हर जगह बम्ब विस्फोट और फिर मुंबई हमला क्या माफ़ किया जा सकता है ?.
                                                               पाकिस्तान ने भारत की अर्थ व्यवस्था को चौपट करने के लिए नकली नोट छापने का भी काम शुरू किया है ,जब कोई पूरी सर्कार ही नकली नोट छापने लगे तो चिंता की बात है ,इसी प्रकार आंतक वादियों को पासपोर्ट और हथियार उपलब्ध कराना भी उसके प्रिय शगल है !याद है वो विमान अपहरण काण्ड ,जिसके अपहरण कर्ताओं को पाकिस्तान ने पूरी मदद दी थी ....ऐसे देश जिस की नस नस में ज़हर भरा हो ,पर कैसे और क्यूँ विश्वास करें ? 

Monday, May 21, 2012

आई पी एल बंद हो ....

बाबा रामदेव ने जब से काले धन का मुद्दा उठाया है ,तभी से पूरा तंत्र उनके खिलाफ सक्रिय हो गया है ! उनके खतों की जांच हो रही है ,दवाइयों को उच्च मानकों पर परखा जा रहा है ,आयकर विभाग अलग से कार्यवाही कर रहा है !कोई बात नही ......कौन खरा है पता चल जायेगा !
                                                      पर अभी जो कुछ आई पी एल में देखने को मिल रहा है ,उसका क्या ? क्या इसकी भी जांच नही होनी चाहिए ? जब कुछ खिलाडी कैमरे के सामने रिश्वत लेते पकडे गए तो क्यूँ नही उनको पुलिस के हवाले किया गया ? मात्र जांच कमिटी बना कर मामले को रफा दफा करने का प्रयास क्यूँ किया जा रहा है ? अगर ये सब सच्चे है तो फिर ललित मोदी ने कौनसा गुनाह कर दिया था ?  
                                                        इस शर्मनाक रिश्वत काण्ड के अलावा भी आई पी एल में सब कुछ सामान्य नहीं है ! आई पी एल रईसों  और बिगडैल औलादों के साथ साथ नेताओं ,अभिनेताओं और क्सत्ता कारोबारियों का एक ऐसा गठजोड़ बन गया है जहाँ देर रात तक रेव पार्टियाँ चलती है वो भी पुलिस और कानून  के सामने !रोजाना होटलों पर छापे  मारने  वाली पुलिस यहाँ बेबस दिखाई देती है ,क्यूंकि यहाँ सब नवाब है !
करोड़ों रुपैयों के खेल में देश की कितनी बदनामी हो रही है ,इसका अंदाज़ा किसी को नही है।...क्या आई पी एल के लिए सब कुछ दांव पर लगाना उचित है ? अभी भी समय रहते सरकार को चेत जाना चाहिए ! इस खेल आयोजन का पूरा नियंत्रण सरकार अपने हाथ में लें और पारदर्शिता के साथ इसमें सुधार  किये जाने चाहिए....अन्यथा  इसको बंद करना ही सही रहेगा।...

Monday, February 20, 2012

विशेष आवश्यकता के बच्चे.....

शादी के बाद हर दम्पत्ति का सपना होता है -एक प्यारा सा बच्चा !!!एक बच्चा जो आते ही घर को खुशियों से भर देता है !उसके आने के साथ ही जैसे सारा वातावरण बदल जाता है ,उसकी मासूम हरकतों से पूरा घर आँगन महक उठता है !
    लेकिन अगर बदकिस्मती से यही बच्चा मंदबुद्धि या विकलांग हो तो जैसे खुशियों को ग्रहण लग जाता है ,इसमें उस बच्चे की कोई गलती नही है फिर भी सजा अक्सर उसी को दी जाती है !उस बच्चे से तमाम वे खुशियाँ छीन ली जाती है जो अन्य बच्चों को दी जाती है !पर क्या ! उस बच्चे की स्थिति में उसका अपना कोई हाथ है? जाहिर है कि नहीं! फिर वह अपनी स्थिति, जो कि ईश्वर की देन है, की सज़ा क्यों भुगते? और सोचा जाए तो क्या इसमें किसी का भी दोष है? कौन माँ-बाप चाहेंगे कि उनकी संतान इस स्थिति में हो? यह स्थिति किसके लिए रूचिकर या फायदेमंद होगी? इन सभी सवालों के जवाब में शायद ही किसी को कोई संशय होगा लेकिन फिर भी आमतौर पर सभी लोग इन बच्चों को हेयदृष्टि से देखते हैं और हमारे समाज में इससे संबंधित कई भ्रांतियां भी प्रचलित हैं।लोग सोचते है की ये माँ बाप के पूर्व जन्मो के पाप का फल है???या फिर ये की इसकी तो किस्मत ही खराब है !
   जबकि वास्तव में ऐसा कुछ नही है ...ये बच्चे भी सामान्य बच्चों की भांति जी सकते है बशर्ते हम थोडा सा उन पर ज्यादा ध्यान दे!इन को हिकारत नही प्यार भरी नज़रों से देखिये....जिस चीज की इन्हें आवश्यकता है वह है हमारा भरपूर प्यार व प्रोत्साहन इनकी जरूरत यह है कि हम इन्हें पूरी तरह से अपनाएं ओर इनके प्रति सकारात्मक रवैया रखें। क्या हममें से कोई भी संपूर्ण हैं? कमियां तो सभी में होती हैं। ऐसे में इन बच्चों का तिरस्कार करना क्या उचित है? किसी ना किसी रूप में ईश्वर की उपासना हम सभी करते हैं तो फिर ईश्वर की इस रचना की उपेक्षा करना क्या न्याय-संगत है? वह बच्चा जो अपनी जरूरत और इच्छा व्यक्त करने तक में असमर्थ है और वे अभिभावक जो तन-मन धन से अपने बच्चे की सेवा में लगे रहते हैं, क्या उपहास के पात्र है अथवा प्रशंसा व संवेदना के ?
     यदि इन बच्चों को थोडा सा स्नेह मिले तो ये भी खुद को साबित कर सकते है ,लेकिन खुद उसके परिवार वाले असहज महसूस करते है और बच्चे से न्याय नही कर पाते...जिससे  बच्चा और भी टूट जाता है ! ऐसे में उसे विशेष सहारे की जरूरत होती है !  ये बच्चे काफी कुछ सीख सकते हैं। इनकी सीखने की गति धीमी होती है अतः इनको कार्यात्मक शिक्षा दी जाती है जिससे ये दैनिक जीवन में आत्मनिर्भर हो जाते हैं तथा व्यावसायिक शिक्षा के द्वारा आर्थिक रूप से भी स्वावलंबी बन सकते हैं। जो लोग इन बच्चों के संपर्क में आए होंगे वे जानते होंगे कि ये बच्चे काम सीख लेते हैं उसे बहुत ही कायदे से करते हैं और अपने कार्य के प्रति पूरे ईमानदार होते है !
   ऐसे ही बच्चों की सहायता करने का बीड़ा उठाया है ...उदयपुर  के कुछ युवाओं ने  ....
कोशिश:एक आशा   -उदयपुर के कुछ युवा जब ऐसे बच्चों के संपर्क में आये तो वे रुक ना सके और  उन्होंने फैसला कर लिया कि इनकी जो भी सहायता हो सकती है, वो करेंगे !उन्होंने एक संगठन बनाया और लग गए सेवा में !धीरे धीरे और भी युवा जुटते गये और आज "कोशिश एक आशा "के ६०-७० सदस्य इन बच्चों कि सहायता में जुटे है !आज ये  संगठन  ऐसे ही बच्चों के लिए कई कल्याणकारी  कार्यक्रम चला रहा है