Sunday, May 10, 2009

माँ तुझे सलाम.....


माँ...कितना अद्भुत और सम्पूर्ण शब्द है ..जिसकी कोई तुलना ही नहीं है..!सभी भाषाओँ में ये शब्द सबसे लोकप्रिय है..!जब भी कोई व्यक्ति दुखी होता है तो उसके. मुंह से यही शब्द निकलता है..!माँ होती भी ऐसी है..तभी तो बच्चा माँ की उपस्थिति मात्र से चुप हो जाता है..!उसके आँचल और सानिध्य में ही वह सुरक्षित महसूस करता है..!कहा भी गया है पूत ,कपूत हो सकता. है पर माता कभी कुमाता नहीं हो सकती..!वह स्वंय.. भूखी रह कर भी बच्चे को खिलाती है,स्वंय. गीले में सोकर भी उसे सूखे में सुलाती है..ऐसी होती है..माँ!कहते है की एक अकेली माता अपने सभी बच्चों को प्यार से पाल लेती है,लेकिन वही बच्चे सारे मिल कर भी एक माँ को नहीं पाल सकते..!माँ सभी के लिए ममता लुटाती है...उसे अपने सभी बच्चे समान .रूप से..प्रिय होते है..! बच्चे कोई भूल कर दे तो भी वह बच्चों को भूलती नहीं है.!......पन्ना धाय जैसी माँ को कौन भूल सकता है...?हँसते हँसते अपने बेटों को युद्घ भूमि में भेजने वाली माँ की क्या तुलना करें?हे माँ तू हर रूप में महान है...!सात बार जन्म लेकर भी हम माँ का क़र्ज़ नहीं उतार सकते..."मदर्स डे" पर मैं माँ को बारम्बार नमन....करता हूँ..!

21 comments:

Udan Tashtari said...

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.

शोभा said...

बहुत अच्छा लिखा है। मातृ दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।

Anonymous said...

माँ तुझे सलाम

समयचक्र said...

मां को प्रणाम और सलाम .

mark rai said...

mother,s day par aapko subhkaamna deta hoon...

रश्मि प्रभा... said...

माँ होती ही ऐसी है....माँ तुझे सलाम

हरकीरत ' हीर' said...

माँ के लिए आपकी भावनाओं को सलाम....!!

राजकुमार ग्वालानी said...

मां तूने दिया हमको जन्म
तेरा हम पर अहसान है
आज तेरे ही करम से
हमारा दुनिया में नाम है
हर बेटा तुझे आज
करता सलाम है

Urmi said...

बहुत बहुत शुक्रिया आपकी टिपण्णी के लिए!
मात्री दिवस की शुभकामनायें! बहुत ही अच्छा लिखा है आपने! माँ हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं! आज माँ की वजह से ही इस दुनिया में कदम रखे हैं!
आप मेरा ये ब्लॉग परियेगा ! मैंने मात्री दिवस पर लिखा है!
http://urmi-z-unique.blogspot.com

Mumukshh Ki Rachanain said...

मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.

चन्द्र मोहन गुप्त

नीरज गोस्वामी said...

सच कहा आपने...माँ से बढ़ कर कोई नहीं...हम और हमारा अस्तित्व है ही उसकी बदौलत....आप बहुत अच्छा लिखते हैं...आज ही आपका ब्लॉग देखा और मंत्र-मुग्ध हो गया...जितना सुन्दर आप लिखते हैं उतने ही सुन्दर चित्रों से सजाया है आपने...अपने राजस्थान के दर्शनीय स्थान देख कर मन गद गद हो गया...
नीरज

admin said...

सम्‍पूर्ण विश्‍व की माताओं को सादर नमन।

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SBAI /TSALIIM

इष्ट देव सांकृत्यायन said...

शुभकामनाएं.

AJEET SINGH said...

very very nice..bahut hi sundar rachna likhi hai aapne...badhaai ho..

दिगम्बर नासवा said...

नमन है इस शब्द को बारम्बार............
मातृ दिवस की हार्दिक शुभकामनाऐं.

Shikha .. ( शिखा... ) said...

Bahut pyaari rachna.. Bahut bahut badhaai..

Science Bloggers Association said...

सच में ऐसे अवसर पर यही कहा जा सकता है, माँ तुझे सलाम।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

योगेन्द्र मौदगिल said...

बधाई एवं शुभकामनाएं

निर्मला कपिला said...

बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति है बधाई

Anonymous said...

आदरणीय रजनीश परिहार जी,
मेरे ब्लॉग "हमसफ़र यादों का......." पर पधारने तथा मेरा उत्साहवर्धन करने के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद, चलिए इसी बहाने आपके ब्लॉग से परिचय हो गया। अभी ब्लॉग जगत में नया हूँ, आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरने की सदैव कोशिश करूंगा। पधारते रहिएगा। पुनःश्च धन्यवाद!!!

"हमसफ़र यादों का......."

शोभना चौरे said...

bhut sundar likha hai.