जी हाँ..यही हमारे देश की संस्कृति है...~!राजस्थान टूरिजम का तो नारा भी यही है..पधारो म्हारे देश...!पर्यटक हमारे देश के मेहमान है,वे हमारे यहाँ आते है ,खर्चा करते है और हमारे देश से अच्छी यादें लेकर जाते है !यहाँ तक तो ठीक है लेकिन बदले में वे हमें जो नुक्सान पहुँचा रहे है ,उस और ध्यान देना जरूरी है!वे नई नई बीमारियाँ लेकर आ रहे है यहाँ लोगों से घुल मिल कर वे इनका प्रसार कर रहे है !अख़बारों में प्रकाशित रिपोर्ट्स के अनुसार ऐसी अनेक बीमारियाँ जो भारत में प्रचलित नहीं थी ,इन विदेशी मेहमानों द्वारा आ रही है..!और देखिये हमारी सरकार इनके प्रति कितनी उदार है जो इन्हे बिना जांचे परखे सर आँखों पर बिठा रही है..!आपको याद होगा .की किस तरह आस्ट्रेलिया दौरे पर हवाई अड्डे पर भारतीय खिलाड़ियों के जूते उतरवा लिए गए थे..?और एक बार भारतीय मंत्री जी को नंगे होकर तलाशी देनी पड़ी थी...फ़िर हम क्यूँ इतने उदार बने हुए है?आज जरूरी है की हम पूरी जांच पड़ताल के बाद ही इन मेहमानों का स्वागत करे....!बिमारियों के साथ साथ हमें इनकी सांस्कृतिक बुराइयों से भी बचना होगा...!
9 comments:
kyaa karen udaar dil ke hain na mehmaan ko sar ankhon pe bithaana hamaari sanskriti hai !!
ye mor mukut dhari photo bahut sundar hai kahin najr na lage!!
ye krishana vali ladaki ? bahut sundar hai ab kya kahen sarkar ke liye aabhaar
पधारो म्हारे देश.. पर बिना बिमारी के..
स्लाईड शो में बेबी बहुत प्यारा है..
आपके ब्लॉग पर पुनश्च आना अच्छा लगा
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गुलाबी कोंपलें · चाँद, बादल और शाम
बहुत बढ़िया लिखा है आपने और साथ में बहुत ही ख़ूबसूरत और प्यारी तस्वीर दी है!
jee han mehmaan ko bulana bura nahin lekin aafat ko bulaana galat hai.
पधारो म्हारा देश कि जगह होना चाहिये सुधारो म्हारा देश
बहुत अच्छी प्रस्तुति
Aap ki baat se main poori tarah se sahmat hun....... poori jaanch honi chaahiye , sab aane waalon ki....
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