Tuesday, June 16, 2009

हम नहीं बदलेंगे?...


जी हाँ,चाहे सारा जमाना बदल जाए..पर हम नहीं बदलेंगे...!आपने ठीक समझा मैं बी जे पी की ही बात कर रहा हूँ..!चुनाव में लुटिया डूब गई...पर अकड़ नहीं गई...!कोई हार की जिम्मेवारी लेने को तैयार नहीं है...!सब अपने अपने खेमे को मजबूत .करने..में लगे है..!हर कोई पार्टी में अपनी हसियत साबित करने पे तुला है..!होना तो ये चाहिए था की पार्टी अपनी हार स्वीकार करके आत्म मंथन करती...पर इसके उलट सब अपनी अपनी डफली बजाने .में..लगे है...!आडवानी जी शुरूआती ना नुकर के बाद फ़िर से पार्टी नेता बन गए है,जबकि उन्हें अब तक समझ जन चाहिए था की अब युवाओं की बारी है...!वे क्यूँ कुर्सी से चिपके रहना चाहते है...?बाकि नेता भी त्यागपत्र त्यागपत्र खेल रहे है....!अरे आप क्यूँ नहीं सामूहिक रूप से इस्तीफे दे देते ताकि .पार्टी नई टीम बना सके..!अब एक आधे त्यागपत्र से कुछ.. नहीं होने वाला,अब तो नई शुरुआत करनी होगी,नया चेहरा प्रस्तुत .करना होगा ..!आप क्यूँ नहीं कुछ करना..चाहते ,जबकि जनता ने आपको नकार दिया है...!अब भी समय है...पार्टी को एक बार फ़िर नए जोश और नए रूप के साथ आगे आना होगा...!आडवानी जी को जिद छोड़ कर युवा पीढ़ी को कमान सौपनी होगी...!द्वितीय पीढी के नेताओं को आगे लाना होगा...!इस में कोई बड़ी बात भी नहीं है ,क्यूंकि आगामी चुनावों से पहले काफ़ी समय है काया कल्प के लिए..!सिर्फ़ हिन्दुत्व और साम्प्रदायिकता के नारे को छोड़ नए नारे ..ढूँढने...... होगे,एक नया माडल पेश करना होगा...!क्या ये सब कुछ बी जे पी कर पायेगी?इसी पर उसका भविष्य टिका है....!

16 comments:

ओम आर्य said...

yah rajniti hai jisaki lathi uasaki bhaisa.....badhiya

निर्मला कपिला said...

आप क्यों जले पर नमक व्हिडकते हैं अब आपकी बात पर ही शायद वो इस तस्वीर मे सोचने के मूड मे लग रहे हैं आभार्

अजय कुमार झा said...

haan ro peet ke to ek raashtriya dal mila tha ..jo vipaksh kee bhumikaa nibha saktaa tha..magar bahut jald hee use ghun lag gai..agle paanch saalon mein bachee rah jaaye to ganeemat hai..

Arvind Gaurav said...

sayad aapke is post se bjp walo me kuchh sandesh jaye..

Murari Pareek said...

कुछ भी हो मरने से पहले आडवाणीजी एक बार प्रधान मंत्री बन कर ही शारीर त्यागना चाहते हैं, वरना ऊपर जा कर क्या मुह दिखांयेगे!! राम जी को, जाते ही रामजी पूछेंगे क्या हुआ मेरे मंदिर का ??

Urmi said...

आपकी टिपण्णी के लिए बहुत बहुत शुक्रिया!
वाह वाह बहुत बढ़िया लिखा है आपने! अडवाणी जी को मन ही मन सिर्फ़ एक दिन के लिए क्यूँ न हो पर प्रधान मंत्री बनने का ख्वाब देखते हैं! जो भी हो अडवाणी जी का जवाब नहीं!

mark rai said...

haan lutiya dubaane ke baad bhi koi nahi badle to ise kya kahen....

sandeep sharma said...

हम (!) सुधर गए... तो देश नहीं सुधर जायेगा...

Astrologer Sidharth said...

सत्‍ता में वो मद है जिसकी तुलना ही नहीं की जा सकती। उसे ऐसे ही कैसे छोड़ दिया जाए। अब तक जिस सपने को पाला पोसा उसकी मलाई कोई और खाए ?

AJEET SINGH said...

हर पार्टी से करोडों लोग जुड़े होते है...ये पार्टियाँ कभी उनकी भावनाएं क्यूँ नहीं समझती....

shama said...

Har shaakh pe ullu baitha hai, haale gulistaan kya hoga?

http://lalitlekh.blogspot.com

http://kavitasbyshama.blogspot.com

http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com

Any blogs kee URL in blog pe mil jayegi...bade dinon se aapko apne blogs pe dekha nahee..!

Sajal Ehsaas said...

BJP ko to ek party hona hi nahi chahiye...uske hone ka koi matlab nahi banta...kuch communal mindset mentality waalo se dominated ek sanstha ban gayee hai ye

Mumukshh Ki Rachanain said...

यह बीजेपी नहीं बाजपेयी थी, सो आडवानी ( जो की Odd वाणी हैं) कैसे बन सकती है..........
भाग्य बिना मनमाफिक दिन नहीं आते और न ही सबकुछ मनमाफिक होता है...................प्रयास में चाहे जितना सर फोड़ लो भाई........चीनका तो बिल्ली के ही भाग्य से फूटता है सो मनमोहन प्यारे ने ही फोड़ा........

चन्द्र मोहन गुप्त

दिगम्बर नासवा said...

वैचारिक स्तर पर अब दिवालिया हो चुकी है यह पार्टी

दर्पण साह said...

bilkul theek kaha !!

chunav ke waqt jab ad. aate the to unhein chunav se jodne ki koshish ki thi pata nahi is post ke saath relate ho paiyega ya nahi par jab apki pst padhi to usey 'recall' karne ka man hua:

वोट : ये दिल मांगे मोर

जयललिता : क्यूंकि हर घर कुछ कहता है

मुलायम -लालू : आओ बनाएं एक बेहतर कल

लाल कृष्ण आडवानी : ये प्यास है बड़ी

राजनीति : द मिंट विथ द होल

गठबंधन : बस दो मिनट

नरेन्द्र मोदी : मोर कार पर कार (सेवा )

वरुण गाँधी : दाग अच्छे हैं

आचार संहिता : ये है हमारा सुरक्षा चक्र ,

सोनिया गाँधी : द बेस्ट द man ( मोहन ) कैन गेट

बयान बजी : हो शुरू हर दिन ऐसे

राहुल गाँधी : जेनरेशन नेक्स्ट .

ठंडा मतलब : अटल बिहारी

मीडिया : व्हेरेवर यू गो ओउर नेटवर्क फोलो

चुनावी वादे : जागो ! ग्राहक जागो !

अमर सिंह: Connecting people

मतगणना: धक् -धक्

स्टार प्रचारक : इसको लगा डाला , तो . . .

लोकत्रंत : जीते रहो

कल्याण सिंह: किक में आपकी , किक है बिंदास !

अन आईडिया कैन चेंज यौर लाइफ :चुनावी जनसभा

जनता दल : कोई लौटा दे मेरे ,

चुनावी एजेंडा : it's Different

वोट्स : There are few things money can’t buy and for everything else...

मायावती : व्हय शुड बॉय हेव ऑल द फन ?

नथिंग एल्स विल डू : हिंदुत्व एजेंडा .

एग्जिट पोल : नेक्स्ट इज वट ?

रंगों की दुनियाँ में आओ , रंगीन सपने सजाओ : चुनावी वादे .

चुनावी महासमर : स्वाद इंडिया का ,


advani ji ke liye diya gaya ad lagta hai utna prasangik nahi reh gaya isliye badla kar,

"thanda matlab....." karna chahoonga !!

Rajesh Tanwar said...

काश आडवानी जी अब भी समझे और पार्टी को ख़त्म होने से बचा ले.....