Thursday, March 18, 2010

यार तुम सोचते बहुत हो?

आजकल ये   हमारे यहाँ खूब चल रहा है!आप कोई भी बात करो अगला यही कहता है!अब मामला चाहे आंतकवादियों का हो या आई पी एल का ..जवाब तैयार है!मैंने कहा आंतकवादियों को पाकिस्तान रोक नहीं रहा,आई पी एल में खिलाडी घायल होते रहे तो वर्ल्ड कप में क्या होगा?बस इतने में तो आ गया जवाब..यार तुम सोचते बहुत हो? अरे मैं नहीं सोचूं ,तुम नहीं सोचो ..तो फिर कौन सोचेगा? नेता तो पहले से ही कुछ नहीं सोचते...सरकार सोचने क़ि इस्थिति में ही नहीं है!विपक्ष सरकार गिराने के अलावा कुछ नहीं सोचता!तो फिर इस देश का क्या होगा?


पता नहीं लोग इतने बेफिक्र से क्यूँ हो गए है !सड़क पर घायल पड़ा है पर कोई नहीं सोचता!महंगाई बढती जा रही है पर कोई नहीं सोचता!पेट्रोल डीज़ल के भाव बढ़ते जा रहे है पर कोई बात नहीं!बम विस्फोट में लोग मारे गए,कोई बात नहीं !मुझे याद है जब मैं छोटा था ..गर्मी के दिनों में जब बिजली काटी जाती थी तो हंगामा हो जाता था!कई बार बिजली विभाग के कर्मचारी पिट भी जाते थे..!आखिर में बिजली बहाल करनी ही पड़ती थी!और अब अगर २ दिन भी बिजली नही आये तो आवाज़ भी नहीं होती!क्यूंकि सब घरों में इनवर्टर लग गए है,जो गरीब नहीं लगा पाए उनकी कोई सुनता नहीं! लेकिन मैं इस देश का नागरिक होने के नाते सोच भी नहीं सकता...????? तो आखिर कौन सोचेगा भाई???/ इस सोचने के चक्कर में हमारे देश का कबाड़ा हो गया है!एक पिद्दी सा पडोसी देश हमें धमकता है,दूसरा आँखे दिखाता है..!कोई कारवाई तो दूर ,हम सोच भी नहीं रहे!आंतकवादियों के पाकिस्तानी केम्पों को तबाह कर देना चाहिए..पर कोई सोचे तो सही!

अब यही हाल क्रिकेट का भी है!कोई भी नहीं सोच रहा..बस खिलाडी खेल रहें है..हम देख रहे है..देश जाये भाड़ में ! आई पी एल के बाद वर्ल्ड कप में रेस्ट कर लेंगे...हार भी गए तो क्या कौन सोचता है यार!!!!पर आप चाहे कुछ भी कहो ..मैं तो जरूर सोचूंगा....

11 comments:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

रोचक है!

रश्मि प्रभा... said...

aapki isi soch se mushkilen aasaan hongi........kisi n kisi vyavastha ki shakl badlegi

संजय बेंगाणी said...

सोच लिजीये. कम से कम हम सोचने की सोच तो सकते ही हैं.

मनोज कुमार said...

बेहतरीन अभिव्यक्ति!

Amit Kumar Yadav said...

बेहतरीन लिखा..चलिए कुछ लोग सोच रहे हैं.

Amit Kumar Yadav said...

आपको आमंत्रण भेज दिया है. शायद प्राप्त हो गया होगा.

Urmi said...

बहुत ही सुन्दरता से आपने प्रस्तुत किया है! रोचक और बढ़िया लगा!

अंजना said...

बढ़िया लिखा |

हरकीरत ' हीर' said...

सोचिये सोचिये रजनीश जी हमारी तरफ से आपको पूरी छूट है सोचने की .......!!

ब्लॉ.ललित शर्मा said...

राम-राम मास्टर सा

थारी बी शिकायत दुर करसां
आज थारी ड्योढी पै आग्या।
म्हारी फ़ोटु भी लगा दी अठे

राम राम

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

हम्म्म्म... फिर भी (!) सोचना बहुत ज़रूरी हो तो सोचना ठीक है वर्ना काहे !