भोपाल गैस काण्ड एक बार फिर चर्चा में है..मिडिया में एंडरसन के बारे में बहुत कुछ लिखा जा रहा है !अब तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह ने कई नयी बातें सामने रखी है!ये सच है की भोपाल गैस कांड का सबसे बड़ा गुनाहगार एंडरसन है ,पर हमारी व्यवस्था क्या कम जिम्मेवार है?एंडरसन तो खैर विदेशी था,पर पुलिस,नेता,जांच एजेंसियां,अदालतें तो हमारी थी!किसी ने भी अपना काम ढंग से नही किया!अगर एक भी एजेंसी अपना काम गंभीरता से करती तो आज सारे गुनाहगार जेल में होते!पर ऐसा नही हो पाया क्यूंकि नेताओं ने इस मामले को इतना कमजोर कर दिया की अदालत भी उन्हें छोड़ने को मजबूर हो गयी!
हमारी व्यवस्था में कमी के चलते ही भोपाल गैस काण्ड के पीड़ित आज भी खून के आंसू पीने को मजबूर है!आज भी वे न्याय के लिए भटक रहें है तो केवल हमारी कमी से! एंडरसन को अपनी सुरक्षा में बाहर निकलने वाली सरकार आज भी यही निति अपनाये हुए है,तभी तो अफजल गुरु और कसाब भी सरकारी मेहमान बने हुए है !
10 comments:
पूरी की पूरी व्यवस्था ही सड़ चुकी है ,क्या कहा जा सकता है |
वास्तव में हमारी व्यवस्था अमरीका की व्यवस्था की चमचा व्यवस्था है।
आपके विचारो से सहमत हूँ .....व्यवस्था ही दोषी है ...
पूरी की पूरी व्यस्था ही बिगड़ी हुई है आपके विचारो से सहमत हूँ
आपने बिल्कुल सही फ़रमाया है! मैं आपकी बातों से पूरी तरह सहमत हूँ! आख़िर व्यवस्था में कब बदलाव आयेगा कुछ कहा नहीं जा सकता!
बिलकुल सही कहा आपने रजनीश जी,
यह व्यवस्था की ही चूक है,
जिसके कारण जनता को भुगतना पड़ रहा है।
आपकी पोस्ट की चर्चा यहां भी है कृ
व्यवस्था तो जड वस्तु है वह अच्छी-खराब कैसे होगी? खराब हम स्वयं हैं , हम ही तो व्यवस्था को चलाते हैं ।--- मुझे शूली पर चढादो -दोष मेरा है
भोपाल गैस काण्ड के पीड़ित आज भी खून के आंसू पीने को मजबूर है!आज भी वे न्याय के लिए भटक रहें है तो केवल हमारी कमी से.........
इनपर गुजरती है दर्द तो वही जानते हैं .....!!
...अब क्या कहें .... प्रभावशाली अभिव्यक्ति!!!
आपके विचारों से मैं भी सहमत हुं।व्यवस्था ही दोषी है
और व्यवस्था से आँखमिचौली खेली जा रही है।
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