.राजस्थान को रंगीला राजस्थान क्यूँ कहा जाता है ,यदि इसका उत्तर जानना चाहते है तो चले आइये जनवरी में होने वाले ऊँट उत्सव में !अपनी तरह का ये एक अनूठा उत्सव है जहाँ राजस्थान के अलग अलग रंग देखने को मिलते है !इस बार ये ऊँट उत्सव १८ और १९ जनवरी को आयोजित हो रहा है !इस कार्यक्रम का उदघाटन बीकानेर में होता है जिसमे आकर्षक ऊंटों पर सवार रोबीले जवान विभिन्न करतब दिखाते है!अगले दिन बीकानेर से ४० किमी दूर लाडेरा गाँव में अधिकाँश कार्यक्रम होते है ,जिनमे ऊँट सज्जा ,ऊँट नृत्य ,ऊँट दौड़ आदि प्रमुख है !ऊँटो का विशाल काफिला भी यहाँ आकर्षण का केंद्र होता है !
यहाँ लगने वाली स्टालों पर बाजरे की रोटी,कढी,सांगरी का साग और अचार आदि खाने का मज़ा ही कुछ और है गाँव के
शांत रेतीले धोरों [टीलों] पर रात को होने वाली सांस्कृतिक संध्या को तो यहाँ आकर ही महसूस किया जा सकता है !!रेतीले टीलों पर लगे स्विस टेंट में रहने का अपना अलग ही अंदाज़ है!आजकल इस उत्सव में वायु सेना द्वारा भी करतब दिखाए जाते है !धोरों पर खड़े होकर नीची उड़ान भरते हवाई जहाज को देख कर रोमांचक
!अनुभव होता है !इसके अलावा पर्यटन विभाग द्वारा अनेक प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती है !
जलते अंगारों पर नाथ समाज के लोगों द्वारा किया जाने वाला अग्नि नृत्य भी यहाँ का प्रमुख आयोजन है !