जब से अन्ना और रामदेव जी ने अनशन शुरू किया है पूरे देश में जैसे एक उत्साह की लहर है !अन्ना का अनशन संक्षिप्त था और बाबा रामदेव का आकस्मिक ,फिर भी दोनों अपने उद्देश्य में पूर्ण रूप से सफल रहे !जनता को पहली बार लगा की देश में कुछ ऐसे लोग भी है जो देश के लिए कुछ कर गुजरना चाहते है !इन दोनों ने ही भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे देश में एक लहर पैदा कर दी है !आज हर गली मोहल्ले में बस यही चर्चा है !
जिन नेताओं का करोड़ों रुपैया विदेशो में ज़मा है ,ज़ाहिर है उनको ये अभियान पसंद नही आया !अन्ना और रामदेव पर तरह तरह के आरोप लगा कर ध्यान बांटने की कोशिश की गयी !किन्तु आज हाईटेक जमाना है ,जनता सब जानती है !अन्ना जमीन से जुड़े नेता है जिनके पास सम्पति के नाम पर धेला भी नही है !बाबा रामदेव ने योग शिविर और आयुर्वेदिक दवाइयों से रुपैये कमाए है ,लेकिन वो सारा धन देश में ही है उसकी जांच हो सकती है !
मूल मुद्दा विदेशो में जमा काले धन का था ...जिस पर गंभीरता से चर्चा होनी चाहिए ना की इसे उठाने वालो को परेशान किया जाये !सरकार को चाहिए की वो कला धन देश में लेन के लिए आवयशक कदम उठाये और इस मामले में अपना रूख सपष्ट करे !!
देश में निचे से लेकर ऊपर तक भ्रष्टाचार फैला है ,कोई भी काम बिना पैसा दिए नही होता !ऐसे में एक आपातकालीन फ्री हेल्पलाइन नंबर होना चाहिए जहाँ जनता अपनी शिकायत दर्ज करवा सके !बच्चो को नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देने वाली शिक्षा दी जाये....हर आफिस में एक रिश्वत विरोधी कक्ष हो जहाँ शिकायत की जा सके !तभी अन्ना और बाबा का आन्दोलन सफल हो पायेगा.......
3 comments:
मैं आपकी बात और विचार से कुछ सहमत और कुछ असहमत हूं रजनीश जी. अन्ना ने जो किया वो देश के सामने साफ था. लेकिन बाबा ने ट्रांस्पेरेंसी का ख्याल नहीं रखा और फंस गए सरकार के जाल में. खैर ये तो रही नायकों की बात. लेकिन हमें इतनी बड़ी आबादी वाले देश में अगुवाई की जरूरत पड़ती ही क्यों हैं. क्यों खुद में हर नागरिक जन चेतना जगाए और खुद हर स्तर पर अपनी अपनी समस्या के लिए लड़े.
rajnish ji aapne ek sahi mudda uthaya hai.....corruption ke khilaaf ladai jitne ke liye hame kai morcho par ek saath kaam karna padega....
रजनीश जी
अच्छा आलेख लिखा आपने … बधाई !
अब 16 अगस्त का इंतज़ार रहेगा …
हार्दिक शुभकामनाएं !
-राजेन्द्र स्वर्णकार
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