त्योंहारों का मौसम आते ही नकली मिठाई ,नकली मावा और नकली घी की ख़बरें टी वी पर आने लगती है .सभी अख़बारों में ये मुद्दा छाया हुआ है .माना कि नकली मिठाइयाँ आदि बन रही है और पकड़ी भी जा रही है ,लेकिन अभी शोर क्यूँ ?पूरे साल क्यूँ नही पकड़ी जाती ?ऊपर से ये मामला सीधा दिखाई देता है,लेकिन वास्तव में ये सब बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की साजिश है .
पिछले काफी समय से ये चोकलेट को मिठाई बनाने पर लगी हुई है ...अब देखिये न वो एड "मीठा है खाना..आज पहली तारिख है"...अब बताइए हमारे देश में ऐसे कितने लोग है जो ख़ुशी के मौके पर चोकलेट से मुंह मीठा कराते है .हमारे देश का प्रचलन ही ऐसा है की शुभ और ख़ुशी के मौके पर मिठाई ही खिलाई जाती है .यहाँ तक की अब "शुगर फ्री " मिठाइयाँ भी आ रही है ताकि कोई इस ख़ुशी से वंचित ना रहे .पर ये चोलेट कम्पनियां हमारी इन्ही खुशियों को छिनने पर तुली है .कुछ दिन पहले एक नामी ब्रांड की चोकलेट में कीड़े मिले थे ,उसे किसी ने नहीं छपा ,क्यूँ ???इसी तरह इन नामी कम्पनियों की मीठी गोलियों में भी फंगस पाया गया ,पर ये भी किसी अख़बार की हेडलाइन नही बनी !
सपष्ट है निशाना मिठाइयों को ही बनाया जा रहा है !इतने बड़े देश में जहाँ करोड़ों की आबादी है ,कौन अपना बाज़ार नही बनाना चाहेगा ?इसी निति के चलते ये सब किया जा रहा है !लेकिन हमें भी चाहिए की जब भी ख़ुशी का मौका हो तो -कुछ मीठा हो जाये...पर चोकलेट नही !!!हाँ मिठाइयाँ खरीदते समय कुछ बैटन का ध्यान जरूर रखे जैसे -मिठाई अच्छी दुकान से ही ले ,मिठाई जांच परख कर ही ले ,सस्ती और हानिकारक रंगों से प्रयुक्त मिठाइयाँ न खरीदें !!!
3 comments:
बेहतरीन प्रस्तुति की बधाई ।
thanx mark...
टी वी देखने के बाद मिठाई खाना नामुमकिन सा लगता है ।
लेकिन मिठाई को देखकर नज़रअंदाज़ करना और भी मुश्किल लगता है ।
सही कहा --अच्छी जगह से खरीदी गई मिठाई ही खानी चाहिए ।
दीपावली की शुभकामनायें ।
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