जज़्बा हो तो ऐसा.....
भूखे को अन्न और प्यासे को पानी.देना ही बड़ी सबसे सेवा है ! जब मनुष्य द्वारा बेजान देवी देवताओं की मूर्तियों में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है तो इन सजीवों में तो प्राण प्रतिष्ठा खुद भगवान ने की है ....इन सब की सेवा ही सच्चा धर्म है ! इन्ही आदर्शों पर चलते हुए सरदार मोहन सिंह 50 सालों से गरीबों की सेवा करते आ रहे है ! 82 वर्ष की उम्र में भी वे एक्यूप्रेशर से लोगों के रोग ठीक करते है और जो भी आय होती है ,उसे गरीबों की सेवार्थ लगा देते है !रेलवे में अपनी नौकरी के दौरान उन्होंने डी आर एम ऑफिस बीकानेर के सामने 1964 में ठन्डे पानी के प्याऊ की शुरुआत की थी और यहीं पर हर गुरुवार ,शनिवार और अमावस को ऐसे बेसहारों को भोजन खिलाना शुरू किया जिन्हे अक्सर लोगों द्वारा दुत्कार कर भगा दिया जाता है...!मोहन सिंह जी के अनुसार प्रभु की कृपा से पैसे की कभी कोई कमी नहीं आती ! लोग जुड़ते जाते है और सब व्यवस्था अपने आप होती रहती है ! सरदार जी की चिकित्सा से ठीक होने वाले भी इस पुनीत कार्य में योगदान देते रहते है !बहुत से शिक्षाविदों ,डाक्टरों ,पुलिस अधिकारियों ,मिलिट्री अफसरों और संस्थाओं ने सरदार मोहन सिंहजी को प्रशस्ती पत्र देकर सन्मानित भी किया है और रुपए,खाने पीने की वस्तुएँ आदि भी दान देते रहते रहते है !यहाँ तक कि अतिक्रमण हटाओ अभियान में जब इस प्याऊ को भी 2011 में तोड़ दिया गया तब भी सरदार मोहन सिंह जी ने हार नहीं मानी और लोगों के सहयोग से पुनः जीर्णोद्वार करके इसे एक नया स्वरुप दिया ! ये प्याऊ आज भी निरंतर हज़ारों लोगों की प्यास बुझा रहा है !
No comments:
Post a Comment