आजकल राजस्थान के टीलों में चारों और बाबा रामदेव जी के जयकारे गूँज रहे है.बाबा रामदेव जी को लोकदेवता माना जाता है जिनकी पूजा हिंदू और मुसलमान समान भाव से करते है!हिंदू जहाँ इन्हे देवता मानते है वहीँ मुसलमान इन्हे पीर बाबा के नाम से जानते है!हर तरफ़ पैदल यात्रियों के .जत्थे जयकारे लगाते रामदेवरा की और बढ़ रहे है,वहीँ रस्ते में जगह जगह सेवा दल उनकी खाने पीने के लिए मनुहार कर रहे है..!किसी ने सेवा शिविर में खाने का इंतजाम किया है तो कोई पैदल यात्रियों के घावों पर मलहम लगा रहा है और पैर भी दबा रहा है!हर तरफ़ आस्था का सैलाब दिखता है!रास्ता बहुत कठिन है क्यूंकि इस बार अकाल पड़ गया है,वर्षा भी नहीं हुई..लेकिन आस्था के आगे .कुछ भी नहीं है!पैदल यात्रियों में युवाओं के साथ साथ वृद्ध और बच्चे भी है जो राजस्थान की तेज़ गर्मी की परवाह करे .करे बिना चलते जा रहे है..!कुछ लोग बरसों से संघ बना कर पैदल जा रहे है!मैं ये देख कर हैरान हूँ की ये संघ पंजाब ,हरयाणा और हिमाचल के दूरवर्ती कस्बों से आए है..!अपने संघ और बाबा रामदेव का झंडा लिए हुए इनका उत्साह देखते ही बनता है..!बीकानेर से जैसलमेर जाने वाले पूरे रास्ते पर ये आम दृश्य है..!कुछ यात्री तो महीने भर .पहले ही घरों से चल पड़े थे जो भादवे की दशम [३० अगस्त] को बाबा के दर्शन करेंगे..!उधर रामदेवरा मन्दिर जो कि जैसलमेर के पास स्थित है ,में ७ किलोमीटर लम्बी लाइन लग गई है!फ़िर भी सभी पैदल यात्री दशम से पहले वहां पहुँच जाना चाहते है!यात्रा के दौरान वे ज़मीन पर ही सोयेंगे...और टीलों में बिच्छुओं और अन्य जीवों की कोई कमी नहीं है!लेकिन फ़िर भी बाबा की आस्था सब पर भारी है..और ज़ोर से नारे लगाते लोगों को किसी की भी परवाह नहीं है..!जो लोग पैदल नहीं जा पाए ,वे रास्ते में शिविर लगा कर उनकी सेवा करते हुए उत्साह वर्धन कर रहे है...!जगह जगह यात्रिओं के लिए नहाने,खाने और ठहरने की व्यवस्था की गई है !बीकानेर जैसलमेर हाइवे पर फ़िर भी यात्रिओं की अटूट लाइन चल रही है!.आख़िर वो कोई तो शक्ति है जो सब को रामदेवरा की और खींचे ले जा रही है....कोई यात्री यात्रा बीच में नहीं छोड़ता! ये आस्था है या चमत्कार.....सोचनीय बात है...
8 comments:
sahi kaha apne aisa lagta hai har koi runiche jaana chah raha ho,
or ye aasth or chamatkaar dono hi haimai khud 3 baar paidal gaya hu kya aanand milta hai ye jaane wala hi jaan sakta hai.
maine bhi ramdevji par ek post likhi hai dhekhiye ---
www.ishwarbrij.blogspot.com
सब उन पर प्रभु की कृपा है
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'चर्चा' पर पढ़िए: पाणिनि – व्याकरण के सर्वश्रेष्ठ रचनाकार
ye tho logo ka baba ramdev ka pyar hai jo unhe aage badne ka utsah deta hai .
Prasansneey.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
sach me..aisa hi hai...
jai babe ri
yeh comment main bahut lete bhej raha hoon. kyonki maine aaj hi ise pada hai. main bhi is baar baba ramdev (rudice) gaya tha. kaafi acha raha waha per ghomna. baba ki maya thi jo is baar mujhe bulaya. bahut mehrwani hoti hai baba ki apne bhakto per. jise bulate hain wo sab kuch chodkar chale jate hain. aur bhi bahut kuch hai mere bichaar........... jai baba ri. baba bhali kare
जय हो
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