जी हाँ ये है प्रणव मिस्त्री जिन्होंने प्रत्येक भारतीय का सर गर्व से ऊंचा कर दिया है!आज सभी पाश्चात्य देश उन्हें अपने यहाँ आमंत्रित कर रहे है!दुनिया के बड़े वैज्ञानिक उनके साथ काम करना चाहते है!दरअसल प्रणव ने सिक्स्थ सेन्स नामक उपकरण बनाया है,जिसने इंटरनेट आधारित विज्ञान क़ि भाषा ही बदल दी है!यह एक छोटा सा गले में पहनने योग्य उपकरण है जो कम्प्यूटर से जुड़ा है! इसके साथ ही हाथ क़ि उँगलियों में पहनी रिंग भी महत्त्व पूरण भूमिका निभाती है!इसकी सहायता से हम बुक स्टोर में किताब पढ़ सकते है,टिकट पर हाथ लगाते ही सारी जानकारी प्राप्त कर सकते है!किसी भी वस्तु को छूते ही उसकी सारी जानकारी हमें मिल जाती है प्रणव ने इस उपकरण के द्वारा पूरे विश्व में तहलका मचा दिया है![देखें वीडियो]
अब कंप्यूटर पर किये जाने वाले सभी कार्य उँगलियों के इशारे मात्र से किये जा सकते है!यहाँ तक क़ि फोटो खींचना,मेसेज भेजना ,काल करना आदि समस्त कार्य चलते फिरते बिना किसी अतिरिक्त उपकरण के किये जा सकते है!इसके प्रयोग से भारी भरकम कंप्यूटर के सभी काम चुटकियों में किये जा सकते है!सिक्स्थ सेन्स नामक ये उपकरण उन्होंने मात्र ३५० डालर में बनाया है!अभी उनका प्रयोग जारी है और वे इसे नाम मात्र क़ि कीमत पर उपलब्ध करवाना चाहते है!बड़ी बड़ी विदेशी कम्पनियां इस को मनमानी कीमत पर खरीदना चाहती है किन्तु वे इसे आम जनता को समर्पित करना चाहते है!
आखिर कौन है प्रणव?गुजरात के पालनपुर में १९८१ में जन्मे प्रणव आई आई टी मुंबई के पूर्व छात्र है!बचपन से मेधावी प्रणव ने गुजरात विश्वविद्यालय में अध्यन के दौरान ही अनेक आविष्कार किये और डिजाइनर, इंजीनियर और आविष्कारक के रूप में अपनी सेवाएँ दी!वे कई निजी संस्थाओं से होते हुए फिलहाल एम् आई टी में शौध के छात्र है !सिक्स्थ सेन्स[छठी इन्द्रिय ]क़ि खोज से वे रातों रात मशहूर हो गए!उन्हें युवा अन्वेषक पुरूस्कार और विज्ञानं को लोकप्रिय बनाने हेतु भी २००९ में सम्मानित किया गया है!फ़िलहाल वे अमेरिका के मैसाचुसेट्स में रह कर अपने प्रयोग पर कार्य कर रहे है!
6 comments:
वाह क्या बात है .
अनेकानेक बधाइयाँ प्रणव को
we have proud of Pranav
It is a great houner. There are many unknown Indians who excell in many fields.
आत्मविश्वास से भरे, और श्रमजीवी हमारे बच्चे अन्य देशों से कहीं आगे हैं ! होली की हार्दिक शुभकामनायें !
Bahut achhi jankari...abhar.
@ Rajnish ji,
Yuva Blog kayam rahega. Iski post delete nahin ki jayengin. Par ab is par nai post nahin di jayengin. Vaise bhi Is blog ki sabhi post ko Taka-Jhanki par niryat kar diya gaya hai.Apko hamne Invitation bhi bheja hai, use accept kar "Taka-jhanki" ke sath juden aur yathavat likhte rahen.
Sadar,
Amit Kumar.
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