Monday, October 5, 2009

ये है हमारी नागरिक सुविधाएँ....









आप भी देखिये..अपने शहर में-टूटी फूटी सड़कें,सड़क पर विचरते आवारा पशु...,क्रूरता की हद लांघती पुलिस !क्या आप इससे खुश है?कम से कम मैं तो नहीं!हमारा बीकानेर एक हेरिटेज शहर है,पर जब मैं सड़क पर ये नज़ारे देखता हूँ तो शर्मा जाता हूँ!आख़िर मैं क्यूँ शर्मिंदा हूँ?जबकि मैं एक अच्छे नागरिक की .भांति सब टेक्स भरता हूँ तो फ़िर ऐसा क्यूँ?आख़िर क्यूँ मुझे विदेशियों .के सामने शर्मिंदा होना पड़ता है...!स्थानीय प्रशासन को चाहिए की वो सब ठीक रखे!मैं सारे टैक्स भरने के अलावा क्या कर सकता हूँ?यहाँ आने वाले पर्यटक मुझसे पूछते की आप शिकायत नहीं करते?अब मैं उनको क्या बताऊँ की यहाँ किसी के कानों में कोई .में कुछ सुनाई नहीं पड़ता!चारों और फैली गन्दगी,आवारा पसु,अनियंत्रित ट्राफिक ,.भिखारी उनके लिए नई चीज़ें है!वे विदेश में जाकर भारत की क्या छवि पेश करेंगे,ये हम समझ सकते है!पर क्या करें...आप ही बताएं....

7 comments:

रश्मि प्रभा... said...

क्या नज़ारा है..सही तस्वीर लगभग हर शहर की

दर्पण साह said...

are ye to apna sehar hai?

kya kaha ye aapka sehar hai....

...to ye tasveerien same 2 same kyun hain?

Mumukshh Ki Rachanain said...

फिर भी हम कहते हैं भारत महान हैं. तरक्की कर रहा है. साक्षरता बढ़ रही है.................

वास्तविकता से दो-चार करने का आभार.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Urmi said...

आपने सही तस्वीरें लगायी हैं! सही में देश एक तरफ़ तो उन्नति कर रहा है और दूसरी तरफ़ ये हाल है!

निशांत मिश्र - Nishant Mishra said...

रजनीश जी, कितनी भी अच्छी शिक्षा-दीक्षा क्यों न मिल जाये लेकिन जिम्मेदारी की भावना का अभाव है हम भारतीयों में. अपने तीर्थों तक को हमने कचरे-कूड़े और वेश्यालयों से पाट दिया है.

इसके बाद भी हम पश्चिम की आलोचना करते हैं, यह कहकर कि "भारत ने ही विश्व को ज्ञान और विज्ञान दिया है".

mark rai said...

bahut dayniy sthiti hai.....
aisa hamaare loktantr me ....!
ham sab jimmedar hai..........

mark rai said...

bahut dayniy sthiti hai.....
aisa hamaare loktantr me ....!
ham sab jimmedar hai..........