Friday, October 9, 2009

अब हमारी मिठाइयां है निशाने पर.....




अपने एक विज्ञापन तो देखा होगा-"आज मीठा है खाना,आज पहली तारीख है"!और वो क्या मीठा खाने के लिए कह रहे है?..जी हाँ चोकलेट!!!!अब आप ही बताइए ऐसा कौन है जो पहली तारिख को चोकलेट खाता है!पर ये खिलाना चाहते है!हमारे यहाँ तो जिस दिन तनख्वाह मिलती तो मिठाई लाकर भगवान् के चढाई जाती है!इसी चोकलेट को स्थापित करने के लिए बहुराष्ट्रीय कम्पनियों ने मिठाई के ख़िलाफ़ युध्ध सा छेड़ दिया है!साथ ही में टी वी पर अचानक सब कुछ मिलावटी दिखने लगा है,जी हाँ नकली मीठी,नकली मावा,नकली घी आदि आदि !असल में ये सब मिठाई के प्रति बेरुखी पैदा करने हेतु किया जा रहा है!हमारे देश में हर मौके पर मिठाई खाने और खिलने का रिवाज़ है!अब अचानक मिठाई को ..गरिष्ठ..गन्दी,मिलावटी और .बीमारियाँ...उत्पन करने वाली के तौर पर प्रचारित किया जा रहा .है...!मिठाई से बी पी ,शुगर और ना जाने क्या क्या होना बताते है!अब भारतीय लोगों और व्यापारियों को भी सचेत हो जाना चाहिए....!जिस तरह से चीनी पटाखे और अन्य आइटम बाज़ार में पैठ कर चुके है,उसी तरह चीनी मिठाइयां और चोकलेट भी बस आने को है!हम सालों से मिठाई खाते आ रहे है ..अब भी खायेंगे!!!इसलिए किसी अच्छी दूकान से मनपसंद मिठाई लीजिये और मस्त होके खाइए!!!!आपके लिए हर तरह की स्वादिष्ट और शुगर फ्री मिठाई भी हर जगह उपलब्ध है....

14 comments:

डॉ टी एस दराल said...

भैया, ये तो देखकर ही मुहँ में पानी आ रहा है.
वैसे आँखों देखी तो मक्खी निगली नहीं जाती.

ab inconvenienti said...

अरे राजाबाबू, वैसे तो हम चॉकलेट और केक से भ दूर रहते हैं. पर अगर आप असली और बिना सिंथेटिक मिल्क/ मावा और हारमोन वाले मिल्क से बनी मिठाइयां हर जगह उपलब्ध करा सकें तो बहु उपकार होगा. वर्ना क्यों मिठाइयों को संस्कृति के साथ जोड़ रहे हैं? छेने की मिठाइयां सत्रहवी सदी से पहले तक भारत में नहीं नहीं पाई जाती थीं, छेना पुर्तगाल से भारत पहुंचा. खोवे की मिठाइयां सौ वर्ष पहले तक दुर्लभ थीं, सिर्फ बड़े लोग ही इनका भोग लगा पाते थे.

गरीब तब बेसन की मिठाइयों, खुरमे, मालपुए, बालूशाही, खीर, मोतीचूर, हलवे के जरिये ख़ुशी मनाता था. आज भी मनाता है. अब चॉकलेट इतनी सस्ती तो होने से रही की गरीब भी खरीद ले.

और चॉकलेट हो केक हो मिठाई हो या जलेबी हो हर चीज़ में मोटापा, शुगर, कोलेस्ट्रोल बढ़ने वाली चीज़ें होती हैं. आजकल लोग बहुत चटे हो गए हैं तभी इतनी हार्ट, शुगर और कैंसर की बीमारियाँ फ़ैल रही हैं.

रश्मि प्रभा... said...

are ye sab nakli baaton ko hawa dene ka tarika hai,apni chijen kharidwane ka rochak andaaj........khair aap asli mithaai dijiye

Kulwant Happy said...

रामदेव के प्रचार से मैंने थाम्सअप पीना नहीं छोड़ा
मौत के डर से मैंने कभी जीना नहीं छोड़ा
बाढ़ और सोके के डर से किसानों ने बोना नहीं छोड़ा
तो ये मिठाई मेरे भाई हम कैसे छोड़ सकते है।

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

क्या करे सब गोलमाल है इस प्रतिस्पर्धा में !

Murari Pareek said...

वाह मार्के की बात मारी है आपने !! हम तो मिठाई बड़े शौक से खाते है और खाते रहनेगे हमारा उत्साह बढाने के लिए धन्यवाद !! लगता है आज भी जाकर मिठाई खानी ही पड़ेगी !! न की केडबरी !!

RAJNISH PARIHAR said...

@ab inconvenienti कुछ भी कह लीजिये पर अभी भी हर जगह शुद्ध ताज़ा स्वादिष्ट मिठाई उपलब्ध है!हमारे यहाँ तो कुछ दुकाने अपने नाम से चल रही है!होती होगी मिलावट भी,पर अपना खानपान,स्वाद भला कैसे छोड़ दें..!!फिर इतने कितने लोग है जो दिवाली पर मिठाई की जगह चोकलेट लाना पसंद करेंगे!!!

दर्पण साह said...

aaj ke daur main jab patrkarita 'jyotishi, bhhot, breaking news aur exclusive' main ulajh ke reh gaiy hai to aap jaise logon ka blog ati prasangik ho jata hia...
likhte raho bhai !!
hum padh rahe hain !!

दिगम्बर नासवा said...

prachaar का ज़माना है ......... mithaai vaalon को भी कुछ करना padhega ...........

Mumukshh Ki Rachanain said...

सच का धुला अब कौन रहा, मुनाफे की चकाचौंध ने सबको अँधा कर दिया, विज्ञापन चालाकियों और दुष्प्रचार का कुरुक्षेत्र है, वर्ना कोई इतना पैसा क्यों खर्च करता.............
समझदार को इशारा काफी है.
गरीब की मिठाई तो गुड है भाई. और अगर मिल गया तो प्यार है भाई.

चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com

Rajesh Tanwar said...

बहुत अच्छा लगा जी.....यही सच है...

PRATEEK said...

vese jo swad mithaiya khane me ata he
wo in choklats me kaha
fir hum is baat ko bhi najar andaj nhi kr sakte ki mithai me milawat badhi he

to mithai khao khub khao par ghar me banao
diwali ki dheroooo shubkamnaye

Anonymous said...

इस टिप्पणी के माध्यम से, आपको सहर्ष यह सूचना दी जा रही है कि आपके ब्लॉग को प्रिंट मीडिया में स्थान दिया गया है।

अधिक जानकारी के लिए आप इस लिंक पर जा सकते हैं।

बधाई।

बी एस पाबला

RAJNISH PARIHAR said...

जी ये मेरे साथ साथ हम सब ब्लोगेर्स के लिये खुशी का विषय है...बधाई!!!